आज हिंदुस्तान आजाद है पर केवल सामरिक तौरपे। परन्तु हिन्दुस्तान अब भी गुलाम है जातिवाद के नाम पे कोई गुज्जर बन गया ,कोई सिख बन गया, कोई ब्राह्मण बन गया, कोई राजपूत बन गया। पर आज तो हम आजाद है।
हमारा हिन्दू समाज छोटे छोटे समूह मई बॉंट दिया गया केवल राज करने के लिए।
जो गुज्जर बन के लड़ गया अपने प्राण दे गया उसने कभी नहीं सोचा था जिसने उनके लिए जान दी वो उनके ही नाम पर समाज को बाँट देगा। क्या देश इस्सलिये गुलाम हुआ की यहाँ लोग मुर्ख थे। नहीं बल्कि इस्सलिये क्योंकि लोग समाज को छोटे छोटे टुकड़ो मे तोड़ चुके थे।
कोई गुरु गोविन्द बना , कोई बंदा बहादुर , लड़ गए मुगलो से आन बान और शान बचाने को पर क्या हुआ लोगो ने एक समाज बनाया और सिख बन गए
कोई परशुराम हुआ ,कोई चाणक्य हुआ , कोई हुआ दधीचि। जिन्होने अपना जीवन त्याग दिया समाज के लिए और क्या हुआ एक ब्राह्मण हुआ जिसने ब्राह्मण समाज बना दिया।
जो ज्ञानी थे वो मौन रह गए। जो सही गलत को समझा सकते थे वो डर गए मौन हो गए। और जो लोग त्याग की भावना भी नहीं जानते थे वो लोग राज भोगने के लिए जातिवाद फैला गए।
जो ज्ञान अहंकार को त्यागना सिखाता है , वो धर्म जो इंसान को भी देवता बनता है वो कोण था जिसने ये जातिवाद का जहर घोला। हो सकता है वो मानव सा दिखता हो पर वो मानव नहीं हो सकता केवल शैतान ही हो सकता है।
आज हम और हमारे समाज के जिम्मेदार लोगो को खड़ा होना होगा और इसे समाप्त करना होगा।
प्रारंभ हो चूका है
परन्तु कैसे समाप्त हो सकता है इस्सके लिए वीडियो देखे